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Thursday, November 06, 2014

sautela 13

और इतना सोचते ही काव्या ने श्वेता के सर के पीछे हाथ रखकर अपनी तरफ खींचा और अपनी छाती पर दे मारा. 

काव्या का खड़ा हुआ निप्पल किसी शूल कि तरह श्वेता के चेहरे पर चुभा क्योंकि रात के समय उसने सिर्फ टी शर्ट पहनी हुई थी. 

टी शर्ट के अंदर से निप्पल कि शेप ऐसी थी कि श्वेता अपने आप पर कण्ट्रोल नहीं रख पायी और अपना मुंह खोलकर उसकी पुरी ब्रेस्ट को निप्पल समेत अपने मुंह के अंदर धकेल लिया और जोर - २ से सक करने लगी... 

''आआययययययीईईईईईई उम्म्म्म्म्म्म्म्म्म एस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स ''

काव्या ने उसका सर और जोर से अपने अंदर घुसा लिया. 

''कट्टी मारो स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह खा जाओ इसे उम्म्म्म्म्म्म्म्म ''

श्वेता से भी सब्र नहीं हो रहा था, उसने एकदम से उसकी टी शर्ट को ऊपर किया और उसे उतार फेंका , अब काव्या पूरी नंगी होकर उसकी गोद में बैठी थी और उसके लरजते हुए गीले निप्पल श्वेता के अधरों में जाने के लिए मचल रहे थे..

श्वेता ने अपनी जीभ होंठों पर फेरकर उन्हें गीला किया और अपना मुंह आगे करते हुए उसकी ब्रेस्ट को फिर से अपने मुंह में लेकर चूसने लगी.. 

''अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह श्वेता उम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म सक्क्क ईट अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह बाईट करो इन्हे ''

श्वेता का एक हाथ अपनी चूत और दुसरा हाथ काव्या कि चूत कि सेवा कर रहा था और मुंह से वो उसकी ब्रेस्ट सक कर रही थी , मल्टीटास्किंग बंदी थी श्वेता जो इतने काम एक साथ कर रही थी.. 

वो कभी उसके दांये और कभी बांये स्तन को चूसती, दोनों को चूस चूसकर उसने लाल सुर्ख कर दिया, लाल निशाँ बना दिए उसके गोरे शरीर पर.. 

काव्या ने भी नाईट शर्ट के बटन खोलकर उसके मुम्मे बाहर निकाल लिए और अब दोनों पूरी तरह से नंगी होकर एक दूसरे के शरीर से खेल रही थी.. 

इस खेल में इतना मजा आता है, ये उन्हें मालूम होता तो आजतक ना जाने कितनी बार ये मजा ले चुकी होती.. 

काव्या उसे उठाकर बेड कि तरफ ले गयी , और उसके ऊपर लेट कर उसकी ब्रेस्ट को चूसने लगी. 

और फिर श्वेता ने उसे ऊपर खींचते हुए उसके होंठों पर भी एक रसीली फ्रेंच किस्स कर दी, दोनों ने आज पहली बार एक दूसरे को इस तरह से चूमा था. 

दूसरे कमरेसे आ रही थपेड़ों कि आवाज और भी तेज हो गयी , समीर ने रश्मि को अपनी गोद में ले रखा था और नीचे से धक्के मारकर उसके शरीर के कलपुर्जे हिला रहा था 



अब उनसे भी रहा नहीं जा रहा था.. 

काव्या ने अपनी चूत वाले हिस्से को उसकी चूत के ऊपर लगाया और ऊपर नीचे होते हुए जोर से घिस्से लगाने लगी 

और फिर एक जोरदार गर्जना के साथ दोनों कि चूतों से लावा बह निकला और काव्या हांफती हुई सी श्वेता के ऊपर गिर पड़ी.. 

दूसरे कमरे का तूफ़ान भी अब शांत हो चुका था.. 

पर शायद कुछ देर के लिये.. 

उनकी तो आज सुहागरात थी.. 

पर उसका असर काव्या पर क्या हो रहा है ये शायद ना तो रश्मि ने सोचा था और ना ही समीर ने....! 

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