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Wednesday, November 05, 2014

sautela 10

और उसके मुम्मों के गद्दे पर गिरकर गहरी साँसे लेने लगा..

काव्या और श्वेता वहाँ से निकल कर अपने कमरे में आ गए.. 

पर समीर को पता था कि अभी तो ये शुरुवात है, इतने सालो से जमा कि हुई एनेर्जी से कम से कम तीन - चार बार चोदना था उसे आज रात रश्मि को ..

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अब आगे
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काव्या के कमरे में पहुँचते ही श्वेता ने अपना पायजामा और पेंटी उतार फेंकी और अपनी बीच वाली ऊँगली अपनी चूत के अंदर डाल कर जोर - २ से हिलाने लगी 

काव्या आँखे फाड़े उसे देखने लगी 

दोनों ने पहले भी कई बार मास्टरबेट किया था और एक दूसरे को बताया भी था कि कैसे और किसे सोचकर वो सब किया, पर एक दूसरे के सामने उन्होंने कभी नहीं किया था, ये पहला मौका था जब काव्या ने श्वेता को ऐसे देखा था, नीचे से नंगी ....

और उसकी सुनहरी चूत को देखकर वो मंत्रमुग्ध सी हो गयी , बिलकुल सफाचट चूत, बिना बालो के उसकी चूत ऐसे लग रही थी मानो चेहरे के होंठ चिपके हो वहाँ , रसीले और मोटे ..



वो बोली : "श्वेता, कुछ शर्म है या नहीं, मेरे सामने ही शुरू हो गयी तू ''

श्वेता अपनी ऊँगली अंदर करते हुए बड़ी मुश्किल से बोली : "यार, मुझसे तो वहाँ सब्र ही नहीं हो रहा था, मास्टरबेट करते हुए मेरे मुंह से चीखे निकलती है वर्ना वहीँ शुरू हो जाती मैं ''

इतना कहते हुए उसने एक जोरदार चीख मारी

'''आआयययययययययीईईईईई स्स्स्स्स्स्स्स्स ''

काव्या : "धीरे चीख पागल , तू तो मरवाएगी मुझे, मम्मी पापा ने अगर सुन लिया तो क्या सोचेंगे ''

तभी उनके कमरे से भी मम्मी कि चीख आयी...... 

''अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह्ह गोड ……''

और वो भी काफी तेज.... 

श्वेता (मुस्कुराते हुए) : "ये बात जब वो नहीं सोच रहे तो तुझे क्या जरुरत है ''

उसने अपनी स्पीड और तेज कर दी..

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