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Thursday, August 21, 2014

मेनका "ससुर बहु की प्रेम कहानी-6




मेनका की आँखें खुली तो उसने अपने को हॉस्पिटल के कमरे मे पाया.डॉक्टर.लता उसके बगल मे चेर पे बैठी थी.

"हाउ आर यू फीलिंग नाउ?",उन्होने प्यार से उसके सिर पर हाथ फेरते हुए पूचछा.

मेनका अब पूरी तरह होश मे आई & उसका हाथ अपने पेट पर चला गया.

"सॉरी,बेटा.",डॉक्टर.लता इतना ही कह पाई.मेनका की आँखों से आँसू बहने लगे तो डॉक्टर.लता ने प्यार से उसे गले लगा लिया.थोड़ी देर मे जब वो चुप हुई तो डॉक्टर.लता बोली,"मैं राजा साहब को भेजती हू,कल रात से वो 1 मिनिट भी नही सोए हैं.तुम्हारे होश मे आने का इंतेज़र कर रहे थे."कह के वो बाहर चली गयी.

मेनका को याद आया,कल रात राजा साहब ने ही उसे बचाया था....उस वक़्त वो पूरी नंगी थी.... तो क्या राजा साहब ने उसे वैसे देखा.शर्म से उसकी आँखें बंद हो गयी.उसका पति ऐसा दरिन्दा बन जाएगा,उसको तो अभी भी यकीन नही आ रहा था.आँखें खोल कर उसने कमरे मे नज़र घुमाई तो 1 तरफ 1 डस्टबिन मे उसे अपनी 1 नाइटी नज़र आई.."यानी राजा साहब ने उसके कपड़े बदले."

तभी दरवाज़ा खुला & राजा यशवीर दाखिल हुए.मेनका ने अपनी नज़ारे नीची कर ली & उसका गला फिर भरने लगा.थोड़ी देर तक कमरे मे खामोशी च्छाई रही.

"हम क्या कहें,दुल्हन & कैसे कहें?हुमारा अपना खून हमे अपनी ही नज़रों मे इस कदर गिरा देगा!हम आपसे माफी माँगते हैं."

मेनका वैसे ही खामोश रही.

"दुल्हन,चुकी आपकी शादी को ज़्यादा वक़्त नही हुआ है तो क़ानून के मुताबिक हॉस्पिटल वालों को पोलीस को खबर करनी पड़ी है कि आपका .....मिसकॅरियेज हो गया है.."राजा साहब कांपति आवाज़ मे बोले,"हम चाहते हैं कि-.."

"..-मैं पोलीस को आपके बेटे की हैवानियत के बारे मे ना बताऊं ना.नही बताऊंगी.प्लीज़ लीव मी अलोन!",मेनका चीखी & फूट-2 कर रोने लगी.उसका दबा गुस्सा फॅट कर बाहर आ गया था.

राजा साहब भागते हुए उसके पास पहुँचे & उसके सिर पर हाथ फेरते हुए बोले,"नही,दुल्हन.आप हमे ग़लत समझ रही हैं.हम ये कह रहे थे कि आप पोलीस को पूरी सच्चाई बता दें.विश्वा ने महपाप किया है & उसकी सज़ा उसे ज़रूर मिलनी चाहिए.अगर पोलीस नही देगी तो हम देंगे अपने हाथों से.",राजा साहब की आवाज़ा कठोर हो गयी.

मेनका ने चौंक कर अपने ससुर की ओर देखा.वो कितना ग़लत समझ रही थी.राजा साहब का इलाक़े मे इतना प्रभाव था.अगर वो चाहते तो पोलीस को यहा कभी नही आने देते.बल्कि उनकी जगह कोई और होता तो बात महल की दीवारों के बीच ही दब कर रह जाती.

तभी दरवाज़ा खुला & मेनका के माता-पिता अंदर आए.मेनका की मा अपनी बेटी से लिपट गयी,मेनका की रुलाई फिर शुरू हो गयी पर मा की गोद मे उसे बहुत सहारा मिल रहा था.उसके पिता की भी आँखें नम हो चली थी.

थोड़ी देर मे जब सब थोड़े शांत हुए तो मेनका के पिता राजा अर्जन सिंग ने सारे वाकये के बारे मे पूचछा,"आख़िर ये सब हुआ कैसे,राजा साहब?"


राजा साहब के बोलने से पहले मेनका बोली,"हमारे पैर कार्पेट मे फँस गया & हम गिर गये जिसकी वजह से हम ऐसे गिरे की हमारा-..."

"...-दुल्हन हमे शर्मिंदा होने से बचाना चाहती हैं & इसीलिए झूठ बोल रही हैं.",राजा साहब उसकी बात बीच मे ही काटते हुए बोले & फिर उन्होने सारी बात राजा अर्जन & उनकी पत्नी को बता दी.

दोनो गुस्से से उबाल पड़े,"हम अपनी बेटी को यहा 1 पल भी नही रहने देंगे.ठीक होती है मेनका वापस जाएगी हुमारे साथ.और आपके बेटे-.."

"बस,डॅडी.मैं कोई गाय-बकरी हूँ जब जी चाहा शादी कर दी ,जब चाहा वापस ले जाएँगे.",फिर वो अपनी माँ की तरफ घूमी,"मा,आपने कहा था कि हम राजघराने वालों के यहा शादी बस एक बार होती है & हम स्त्रियाँ अपनी ससुराल अर्थी पर ही छ्चोड़ती हैं."

"पर बेटी,यहा इन हालत मे कैसे छ्चोड़ दे तुम्हे?"

"डॅडी,मैं इतनी भी कमज़ोर नही हू."

ये बहस चल रही थी कि दरवाज़े पे किसी ने नॉक किया.डॉक्टर.सिन्हा & उनकी वाइफ डॉक्टर.लता आए थे,"राजा साहब हम आप सबसे कुच्छ ज़रूरी बात करना चाहते हैं.",डॉक्टर.सिन्हा राजा अर्जन & उनकी पत्नी को नमस्कार करते हुए राजा यशवीर से मुखातिब होकर बोले.

"जी,ज़रूर डॉक्टर.साब.बैठिए."

"राजा साहब.आपके कहे मुताबिक कल से कुंवर हमारे हॉस्पिटल मे हैं.हमने उनका पूरे चेक-अप करलिया है.वो अडिक्षन के शिकार हैं."

"क्या?"

"जी.वो ड्रग अडिक्ट हो गये हैं & कल रात की उनकी हरकत ड्रग्स ना मिलने पर उनका रिक्षन था.उनका अपने उपर कोई कंट्रोल नही रह गया है."

"राजा साहब,हम ये कहने आए हैं कि जल्द से जल्द उन्हे रीहॅबिलिटेशन सेंटर मे भरती करवा दे.बस यही 1 रास्ता है.",डॉक्टर.लता अपने पति की बात पूरी करते हुए बोली.

राजा साहब के माथे पे चिंता की लकीरें & गहरा गयी,"डॉक्टर.साहब,आप ही हमे रास्ता दिखाएँ."

"राजा साहब,हमे 1 वीक का समय दीजिए.हम आपको बेस्ट सेंटर्स की लिस्ट दे देंगे.",कह कर दोनो पति-पत्नी जाने के लिए उठ गये,"कुंवर को अपनी ग़लती का एहसास है कि नही पता नही.राजा साहब आपको उनसे बात करके थेरपी के लिए तैय्यर करना होगा.और अगर इस बीच आप उन्हे ड्रग्स लेते पाए तो रोके मत वरना कहीं वो फिर वाय्लेंट होकर किसिको या खुद को नुकसान ना पहुँचा ले."

शाम को मेनका अपने हॉस्पिटल रूम मे अकेली थी.वो उठी & बाथरूम मे गयी,अपना चेहरा धोया & शीशे मे देखा,एक रात मे ही उसकी दुनिया उथल-पुथल हो गयी थी,"आख़िर क्यू हुआ ऐसा?उसकी अपनी कमज़ोरी की वजह से."जवाब उसके अंदर से ही आया,"नही अब वो ऐसे नही रहेगी.अपनी ज़िंदगी के फ़ैसले वो खुद लेगी.उसकी मर्ज़ी के बिना अब उस से कोई भी कुच्छ भी नही करवा सकता."

उसने कमरे मे लौटकर डॉक्टर.लता को बुलाया.

"बोलिए,कुँवारानी."

"डॉक्टर.आंटी,हमे कॉंट्रॅसेप्टिव पिल्स के बारे मे बताएँ."

"कुँवारानी.."

"जी आंटी,हम नही चाहते कि हमारे पति की ग़लतियों का खामियाज़ा हमे भुगतना पड़े."

"जी,कुँवारानी.",& वो उसे समझने लगी.



पर मेनक को उन गोलियों की ज़रूरत नही पड़ी क्यूकी इसके बाद सब कुच्छ बड़ी तेज़ी से हुआ.डॉक्टर.साहब ने बॅंगलुर के पास देवनहल्ली मे डॉक्टर.पुरन्दारे के रहाब सेंटर को रेकमेंड किया.राजा यशवीर & राजा अर्जन विश्वा को वाहा अड्मिट करा आए.इस पूरे समय मे मेनका अपनी मा के साथ महल मे थी.पता नही राजा साहब ने विश्वा को जाने के लिए कैसे मनाया.बिज़्नेस पे कोई बुरा असर ना पड़े इसके लिए पहले जर्मन पार्ट्नर्स को पूरी बात बताई गयी & फिर 1 प्रेस रिलीस दी गयी.राजा साहब ने इस मुसीबत का भी बड़ी समझदारी से सामना किया था.

पर बात पूरी दुनिया के सामने खुलने से पहले उनके दुश्मन को पता चल गयी थी.
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